स्तम्भ हो सामर्थ्य के |प्रारम्भ तुम हो अर्थ के || की स्वार्थ ही अनर्थ है |जीवन समाप्त, व्यर्थ है || …
Uncategorized
उस चाँद से
उस चाँद सेइश्क़ करने की ग़लती कर बैठेवो रात चांदनी,फिर सुबह बेगानी हो गई@baaghi_kalam …
Let Your Creativity Dance
Let your creativity dancefor not just your heartBut your head too deserves romance— Rahul Agarwal (@sjarahul) November 20, 2021 …
Wishing Mum Happy Birthday
क्यों लिखते रहे हम
क्यों चलती रही कलमक्यों लिखते रहे हमइन सवालों का जवाबमिले तो हमें भी बतानाकिससे कर रहे थे बातेंआखिर किसे चाहते थे रिझानाइन सवालों का जवाबमिले तो हमें …